Festival of colors and brotherhood
“होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते है। गिले शिकवे भूलके दोस्तों दुश्मन भी गले मिल जाते हैं।”
जी हां ऐसा ही होता है होली के दिन, होली हमारे देश की एक हर्षउल्लाश का पर्व है| हिंदी पंचांग के अनुसार ये हिंदुओं का नया साल होता है| जिसे हिंदी में फाल्गुन और ग्रेगोरियन कैलेंडर में मार्च के महीने में मनाया जाता है| होली रंगों और भाईचारे का त्योहार है लोग आपस में रंग-बिरंगे गुलाल लगा कर खुशियां मानते हैं और गले मिलते हैं|
इस त्योहार को मनाने के पीछे एक धार्मिक कथा है| कहते हैं कि राजा हिरण्यकश्यप को अपने राजा होने का अहंकार हो गया था और वो खुद को भगवान मानने लगा था इसके विपरीत उसका पुत्र प्रह्लाद विष्णु की भक्ति भाव में लीन रहता था| पिता अपने अहंकार में अपने पुत्र से अपमानित होकर पुत्र को मारने का निर्णय लिया |
उसने बहुत ही प्रयाश किये पर हमेशा विफल रहा अंततः उसने अपनी बहन होलिका, जिसे वरदान प्राप्त था कि वो अग्नि से कभी नहीं जलेगी, उसे अपने पुत्र प्रह्लाद को आग में जलाने का आदेश दिया और होलिका प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ गयी पर प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ और होलिका जल कर भष्म हो गयी।अंततः विष्णु जी ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया था| इस दिन से ही भारतवासी होली का त्योहार मानते हैं|
इस दिन संध्या को लोग लकड़ी इकट्ठा कर उसे जलाकर आपस में रंग गुलाल लगाते हैं| किसान अपनी फसल के नए दाने अग्नि को अर्पित करते हैं। इसके बाद ही किसान नया अन्न खाना शुरू करते हैं। अगले दिन सभी गीले रंग और सूखे रंगों से होली खेलते हैं नाचते गाते हैं| सभी एक दूसरे के घर जा कर पकवान खाते हैं और बड़ों का आशीर्वाद लेते हैं|
होली भारत में हीं नहीं बल्कि कई देशों में मनाया जाता है| होली प्यार खुशियों और भाईचारे का त्योहार है|