Happy Diwali to All …

भारत के हर हिस्से तक उमंग,उल्लास और ऊर्जा पहुँचाने में यहाँ के सभी त्यौहारों का अहम भूमिका है। वर्ष के प्रारंभ में मकर संक्रांति से लेकर वर्ष के अंत में क्रिसमस तक साल के सभी त्यौहारों को पूरा देश हर्षोल्लास के साथ मनाता है। इन्हीं में से एक त्योहार है, कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाने वाला पर्व “दिवाली”।

दिवाली को ‘असत्य पर सत्य की जीत’ और ‘अंधकार पर प्रकाश की विजय’ के रूप में माना जाता है। 

Happy Diwali

हर किसी के जीवन में दिवाली का अलग ही महत्व होता है। लोग अपने परिवार के साथ मिलकर माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं, दीए जलाते है, अपने पड़ोसियों और दोस्तों के साथ पटाखे जलाते है। 

 माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। राजा राम के लौटने पर उनके राज्य में हर्ष की लहर दौड़ उठी थी और उनके  स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीए जलाए। कृष्ण के भक्तगण मानते  हैं कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया था। इस नृशंस राक्षस के वध से जनता में अपार हर्ष फैल गया और प्रसन्नता से भरे लोगों ने घी के दीए जलाएं और इसके साथ इसी दिन समुद्रमंथन के पश्चात लक्ष्मी व धनवंतरि प्रकट हुए थे। 

Source: https://savantastro.medium.com/the-story-of-samudra-manthan-the-churning-of-the-ocean-7669a356999a

दिवाली मनाने के पीछे कई कहानियाँ हैं पर सब कहानियों से मिली सीख यही समझाती है कि असत्य की उम्र सत्य से कम होती है।

                    युवा पीढ़ी के लिए भी ये त्यौहार खास होते हैं पर वे अपने पढ़ाई के कारण इन त्यौहारों  में अपने घर नहीं जा पाते और कुछ घर में रह कर भी पढ़ाई के कारण दिवाली सेलिब्रेट नहीं कर पातें हैं|

Student Enjoying Diwali

कुछ बनने का सपना लिए विद्यार्थी अपने लक्ष्य पर ध्यान लगाए रहते हैं |वैसे कहते हैं दिवाली में माता लक्ष्मी सभी के लिए खुशियाँ लाती हैं तो मेरी यही दुआ है कि विद्यार्थी अपने लक्ष्य को प्राप्त करे और अपने सारे त्यौहारों को खशी से मनाएँ|